(Verse 1) ज़िंदगी के mirror में झूठ दिखता, हर चेहरा यहां बस fake बनता। असली बातें छुपी, सब झूठी smile, सच की जुबां पे लगा हुआ है trial। सवालों की बारिश, जवाबों का storm, हर दिल के अंदर, एक छुपा हुआ norm। (Hook) सच का आईना जब सामने आए, हर नक़ाब यहाँ उतर ही जाए। सच का आईना जब सामने आए, दुनिया की साज़िश न टिक पाए। (Verse 2) जिन्हें सोचा friends, वो निकले snakes, रिश्तों के पीछे, छुपे mistakes। दौलत के लिए, बदलता हर face, सच की लड़ाई में सब हो गए erase। हर कदम पे यहाँ बस धोखे का zone, अपने-पराए की कैसे समझूँ tone? (Hook) सच का आईना जब सामने आए, हर नक़ाब यहाँ उतर ही जाए। सच का आईना जब सामने आए, दुनिया की साज़िश न टिक पाए। (Bridge) यहां का सच जैसे खोया हुआ key, हर इंसान पे है किसी और की decree। आँखें खुलेंगी तो दिखेगा reality, लेकिन डर के आगे है सच्ची clarity। सवाल यही है, क्या सब सच अपनाएंगे, या नक़ली चेहरे ही दुनिया पे छाएंगे? (Outro) सच का आईना थाम लो आज, हर झूठी सोच का कर दो इलाज। दिखेगी दुनिया, जैसी है raw, अब सच को मानना ही है असली law।